पंजाब पंथ न्यूज, गुरदासपुर(दीपक कालिया)1008 बाबा भगवान दास सती माता मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन के अंतिम दिन श्रीमद् भागवत कथा के समापन से पहले शिव रुध अभिषेक व हवन यज्ञ के साथ हुआ। सबसे पहले सुबह सात बजे शिवलिंग का अभिषेक विधि विधान के साथ मंत्रों के साथ हुआ, जिसके पश्चात श्री मद भागवत कथा कही गई और फिर हवन यज्ञ किया गया। जिसमें दूर दूर से आए साधु महंतों ने मंदिर के मुख्यमंहत बाबा राम दास त्यागी के साथ मुख्य जजमान व मोहल्ला निवासियों ने आहुतियां डाली।
कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया :
इस सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन पंडित आचार्य उमा शंकर शास्त्री दूबे दवारा कथा श्रवण कराई गई, जिसमे उन्होंने कहा कि कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मा देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन किया।
कथा में चित्रकूट धाम से पधारे ब्यास उमाशंकर दुबे महाराज ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। श्रीमद् भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया। जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार शादियां के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाई।इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। कथा समापन के दौरान उमाशंकर दुबे ने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तों को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे करने वाले भी पुण्य के भागी होते है।
आरती कर कथा को विश्राम दिया :
अंत में भगवान की आरती कर कथा को विश्राम दिया गया। इस मौके पर 108 महामंडलेश्वर पति पावन दास जी गुजरात से सती माता मंदिर के मुख्य महंत बाबा राम दास त्यागी, आचार्य इंद्र दास, फूला वाली माता जी, चौधरी मया दास मिस्त्री शिवाला मंदिर से भरत दिवेदी, महात्मा धामोदर दास दी भरतपुर, श्री राधे बाबा मथुरा से, 108 श्री महंत इश्र दास गोवर्धन से, महात्मा राम आसरे दास चित्रकुट से मौजूद रहे।